बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को लेकर नवादा डीआरडीए सभागार में किया गया शपथ ग्रहण का आयोजन
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बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को लेकर नवादा डीआरडीए सभागार में किया गया शपथ ग्रहण का आयोजन
बाल विवाह कराने वाले किसी भी व्यक्ति को 2 साल तक की हो सकती है जेल और 1 लाख रुपए जुर्माना
नवादा
बुधवार को बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को लेकर डीआरडीए सभागार में डीडीसी प्रियंका रानी की अध्यक्षता में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया।
महिला एवं बाल विकास निगम, बिहार (समाज कल्याण विभाग, बिहार सरकार) के तत्वाधान में जिला हब फॉर इम्पावरमेंट ऑफ वूमेन योजना अन्तर्गत बाल विवाह मुक्त अभियान को लेकर शपथ ग्रहण के साथ अन्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
डीडीसी प्रियंका रानी ने बताया कि बाल विवाह को समाज से खत्म करना बहुत जरूरी है। बाल विवाह अपराध है। बाल विवाह के कारण बच्चे पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते हैं। उनका स्वास्थ्य खराब हो जाता है। समय से पहले प्रेग्नेंसी झेलनी पड़ती है। जिससे माता और शिशु की जान तक चली जाती है। बाल विवाह करने, उसमें भाग लेने या बाल विवाह कराने वाले किसी भी व्यक्ति को 02 साल तक की कैद और एक लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। इसमें माता-पिता, रिश्तेदार, पड़ोसी, पुजारी, बैंड वाला, घोड़ी/रथ वाला, मिठाई वाला, हलवाई, टेंट वाला आदि शामिल है। हम सब मिलकर बाल विवाह मुक्त भारत का निर्माण करें। अब इस कुरीति का समाज में कोई स्थान नहीं है। अब वक्त है कि देश से इस कुप्रथा का खात्मा किया जाए।
एडीएम चन्द्रशेखर आजाद ने बताया कि जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन (जेआरसी) एलायंस बाल विवाह के इस बुराई को खत्म करने में जुटा हुआ है, जो 250 से अधिक सामाजिक संगठनों का राष्ट्रव्यापी नेटवर्क है। यह एलाएंस बच्चों की सुरक्षा और उनके खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए काम करता है। जेआरसी जागरूकता कार्यक्रमों, रिसर्च और ट्रेनिग के जरिए पूरे भारत में बाल संरक्षण के सरकारी प्रयासों का समर्थन करता है। यह वक्त खड़ा होने और बच्चों की सुरक्षा, उन्हें खुश रखने और उनके जीवन को सशक्त बनाने का अधिकार सुनिश्चित करने का है। हम सब मिलकर बाल विवाह मुक्त भारत का निर्माण कर सकते हैं।
आईसीडीएस डीपीओ ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 देश भर में लागू है। जिसके तहत 18 वर्ष से कम आयु की लड़कियों एवं 21 वर्ष से कम आयु के लड़कों की शादी करना/करवाना कानूनन अपराध है और इसका उल्लंघन करने पर दो साल की जेल या एक लाख रूपये का जुर्माना अथवा दोनों सजा का प्रावधान है।
सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा, नवादा अमरनाथ कुमार ने बताया कि भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का प्रारंभ दिनांक 27 नवंबर से किया जा रहा है। जिसके तहत देश भर में बाल विवाह जैसी कुरीतियों पर जागरूकता के माध्यम से अंकुश लगाने का कार्य किया जाएगा। इसके सफल कार्यान्वयन हेतु आज सभी विभागों के पदाधिकारियों, कर्मियों, स्कूल, कॉलेज के शिक्षकों एवं छात्र/छात्राओं, अस्पतालों के शिक्षकों एवं चिकित्सा कर्मियों/अधिवक्ताओं एवं पुलिस कर्मियों सभी को बाल विवाह मुक्त भारत संबंधी शपथ दिलाई गई।
प्रभारी सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, नवादा डॉ राजकुमार सिंहा द्वारा बताया गया कि बाल विवाह मुक्त अभियान को लेकर जिला, अनुमंडल एवं प्रखंड स्तर पर सभी कार्यालयों में शपथ दिलाई गई एवं अधिकारियों, कार्मिको एवं स्थानीय महिलाओं के साथ मिलकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि 18 साल के पहले लड़की और 21 साल से पहले लड़के की शादी करना गैरकानूनी है। बाल विवाह अधिनियम 2006 के अनुसार जो बच्चों की उम्र से पहले विवाह के लिए मजबूर करते हैं, वे सजा के पात्र है।
संपादक प्रफुल्ल कुमार सुमन की कलम से
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