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दरभंगा: गंगा नदीतंत्र में नदी पुर्नस्थापन (रिवर रैंचिंग कार्यक्रम) का हुआ आयोजन

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गंगा नदी तंत्र में नदी पुर्नस्थापन (रिवर रैंचिंग कार्यक्रम) का हुआ आयोजन

 

दरभंगा।
गंगा नदी तंत्र में नदी पुर्नस्थापन (रिवर रैंचिंग) कार्यक्रम के तहत दरभंगा जिले के बहेड़ी अंचल स्थित करेह नदी के कोठरा घाट में 2.60 लाख अंगुलिका का संचयन कर शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम में पदाधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं आम जनता उपस्थित हुए। जिसमें अपर समाहर्त्ता (आपदा प्रबंधन), दरभंगा, उप मत्स्य निदेशक (रा०प०ई०), मत्स्य निदेशालय, बिहार पटना, उप मत्स्य निदेशक, दरभंगा परिक्षेत्र, दरभंगा एवं जिला मत्स्य पदाधिकारी, दरभंगा के द्वारा इस योजना के बारे में विस्तार से बताया गया।
बैठक में बताया गया कि बढ़ते बाहरीकरण, प्रदूषण एवं मानव जनित क्रियाकलापों के कारण नदियों में जलजीवों की संख्या, प्रजनक मछलियों एवं प्रजनन स्थल नष्ट हो जाने से मछलियों की संख्या लगातार घट रही है।


नदियों में सामान्यतः पाई जाने वाले मछलियों की घटती संख्या से जलीय पारिस्थिकी तंत्र एवं जैव विविधता पर प्रतिकूल असर हुआ है। जिससे मानव समुदाय पर भी प्रभावित हो रहा है। प्राकृतिक जल संपदा को बचाने मत्स्यजीवी को जीविका का अतिरिक्त साधन उपलब्ध कराने तथा विलुप्त हो रहे एवं संकटग्रस्त मछलियों की प्रजाति के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु नदी पुर्नस्थापन जैसे महत्ती उद्देश्यों की पूर्ति हेतु राज्य सरकार के द्वारा अपने संसाधन से प्रमुख नदियों में रिवर रैचिंग करने की योजना संचालित की जा रही है।
रिवर रैंचिंग अर्थात नदी पुर्नस्थापन कार्यक्रम के तहत राज्य के गंगा नदी एवं प्रमुख सदाबहार सहायक नदियों यथा- करेह, कमला, बुढी गंडक, कोशी, बागमती आदि में वहां के मूल कार्य प्रजाति की बुडर से विभिन्न है। स्पॉनिंग कराकर तैयार की गई अंगुलिकाओं की संचयन किया जाना है। यह एक दीर्घकालीन कार्यक्रम है। जिसके तहत 08-10 साल तक रिवर रैंचिंग कार्यक्रम के पश्चात इसका असर मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता पर दिखाई पड़ेगा।


साथ ही इस योजना के क्रियान्वयन से नदियों की उत्पादकता में अभिवृद्धि होगी। जिससे मत्स्य पर ग्रहण पर निर्भर मत्स्यजीवी समुदाय को आजीविका के लिए अतिरिक्त साधन उपलब्ध होगी। साथ ही नदी जल की गुणवत्ता में अभिवृद्धि होगी तथा प्रदूषण को भी कम किया जा सकेगा। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए वर्ष 2024-25 में दरभंगा जिला के करेह नदी एवं कमला नदी में अंगुलिका संचयन के लिए चिन्हित किया गया है। जिसमें प्रत्येक नदी हेतु क्रमशः 3.80 लाख एवं 3.80 लाख अंगुलिका संचयन हेतु लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उक्त के आलोक में 2.60 लाख अंगुलिका का संचयन किया गया है। जिसमें अपर समाहर्त्ता (आपदा प्रबंधन), दरभंगा, उप मत्स्य निदेशक (रा०प०ई०), मत्स्य निदेशालय, बिहार, पटना, उप मत्स्य निदेशक, दरभंगा परिक्षेत्र, दरभंगा, जिला मत्स्य पदाधिकारी, दरभंगा, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी, मत्स्य विकास पदाधिकारी एवं कार्यालय के अन्य पदाधिकारी व कर्मी उपस्थित थे।

संपादक प्रफुल्ल कुमार सुमन की कलम से 

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